mnrega – महात्मा गांधी रोजगार गारंटी योजना छत्तीसगढ़ / Rojgar Guaranty

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 Rojgar Guaranty – रोजगार गारंटी योजना – 

भारत सरकार द्वारा गरीब बेबस व बेरोजगार व्यक्ति को रोजगार देने एवं आर्थिक सुरक्षा प्रदान करने के ऊद्देश्य से वर्ष 2005 के अधिनियम के तहत केन्द्रीय Rojgar guaranty yojana प्रारम्भ की गई। रोजगार गारंटी योजना तहत बेरोजगारों को आर्थिक विकाश उपलब्ध कराने के लिए 100 दिन की रोजगार प्रदान करना भारत सरकार का दायित्व है। वर्ष 31 दिसंबर 2009 में इस योजना का नाम परिवर्तित करते हुए भारत के राष्ट्र पिता महात्मा गाँधी के नाम करते हुए मनरेगा यानी महात्मा गाँधी Rojgar garanty yojana अधिनियम 2005 किया गया। केंद्रीय रोजगार गारंटी में मजदूरी दर 82 रूपए दिया जाता था जिसे महात्मा गांधी रोजगार गारंटी के तहत मजदूरी दर बढाकर 190 रूपए किया गया है। इस योजना में बेरोजगार व्यक्ति को 90 कार्य दिवस की मजदूरी बढाकर 150 कार्य दिवस कर दिया है।

 

    पुरे भारत में Mahatma Gandhi Rojgar guaranty yojana में काम करने के लिए पंजीकृत मजदुर संख्या 77 लाख 85 हजार 990 है, जबकि अकेले छत्तीसगढ़ में 18 लाख 51 हजार 536 मजदुर रोजगार हेतु पंजीकृत है।

 

रोजगार गांरटी योजना की आवश्यकता

 भारत में अनेक गरीब परिवार है जिनके पास अपने जीविका जीने के लिए कोई साधन नहीं है उसी बेरोजगार परिवार को रोजगार मुहैया कराने एवं उनका भरण पोषण करने के लिए Mahatma Gandhi Rojgar guaranty yojana  अधिनियम 2005 की शुरुआत की गई।

 

महात्मा गांधी रोजगार योजना के उद्देश्य 

  • गरीब वंचित एवं बेरोजगार परिवार को 100 कार्य दिवस की रोजगार उपलब्ध करना।
  • ग्रामीण क्षेत्र में हो रहे पलायन को रोकना।बेरोजगार व्यक्ति को आजीविका के साधन उपलब्ध करना एवं आर्थिक सुरक्षा प्रदान करना।
  • घरेलु उत्पाद एवं कृषि, विनिर्माण और सेवा क्षेत्र को बढ़ावा देना।मनरेगा के अंतर्गत विकाश कार्यों के लिए साधन उपलब्ध करना।
  • महात्मा गांधी रोजगार योजनान्तर्गत निजी कार्यों के लिए सहायता प्रदान करना।

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मनरेगा के कार्य (work of mnrega)

Mahatma Gandhi Rojgar guaranty yojana योजनान्तर्गत बेरोजगार मजदूरों को रोजगार देने के लिए योजना में घरेलु उत्पाद के कार्य, कृषि कार्य, विनिर्माण कार्य एवं सेवा क्षेत्र के कार्यों को सम्मिलित किया गया है, रोजगार के  कार्यों में विनिर्माण से सम्बंधित कार्य जैसे – तालाब गहरीकरण, द्वितीय श्रेणी सड़क निर्माण के कार्य इत्यादि। कृषि विकाश कार्यों के लिए सरकार द्वारा मनरेगा योजना के तहत निजी सहायता प्रदान करना जैसे – खेत की समतली करण, खेत में कुंआ का निर्माण, जल सरंक्षण हेतु डाइक गड्ढों का निर्माण करना इत्यादि कार्य बेरोजगार परिवारों को मुहैया कराया जाता है। कार्य दिवस के अवधि पर मजदूरों के लिए विशेष सुविधाएँ कार्य एजेंसी के द्वारा उपलब्ध कराई जाती है जिसमे कार्यरत मजदूरों के लिए पिने हेतु पानी की व्यवस्था, कार्य स्थल पर दवाई, डेटोल, बेंडेड, और अन्य सुविधाएं प्रदान  की जाती है।

 

 

मनरेगा के अंतर्गत निजी कार्यों के सुविधा

Mahatma Gandhi Rojgar guaranty yojana में निजी कार्य हेतु निम्न प्रकार के लाभ प्रदान किये जाते है –

  • भूमि में सुधार, जैसे – मेड बांधना, समतलीकरण करना।
  • निजी सुविधाओं में डबरी निर्माण, निजी शौचालय तथा कुआ का निर्माण करना।
  • पशुओ के रहने के लिए निचे फर्श का निर्माण, यूरिन टैंक का निर्माण, आहार के लिए टैंक का निर्माण कराया जाता है।
  • वर्मी कम्पोस्ट एवं नाडेप टैंक का निर्माण।
  • मछली पालन करने के लिए निजी डबरी व निजी तालाब का निर्माण।
  • शेड का निर्माण करना जिसमे बकरी,सूअर, व मुर्गी को रखा जा सके।
  • प्राधान मंत्री योजना के तहत 90 कार्य दिवस का अतिरिक्त रोजगार उपलब्ध करना।

महात्मा गांधी रोजगार योजना का लाभ लेने के लिए प्राथमिकता

  • अनुसूचित एवं अनुसूचित जनजाति के परिवार।
  • घुमंतू जनजाति के परिवार।
  • सरकार के राजपत्र अधिसूचना में निकाली गई जनजातियाँ।
  • गरीबी रेखा के निचे में निवासरत परिवार।
  • नि:शक्त, दिव्यांग एवं महिला मुख्या वाले परिवार।
  • प्रधान मंत्री आवास योजना लाभ प्राप्त करने वाले परिवार।
  • लघु एवं सीमान्त भुमिधारक।

मनरेगा के मुख्य तथ्य

  • ग्रामीण क्षेत्र में निवासरत प्रत्येक परिवार के 18 वर्ष से अधिक आयु वर्ग के व्यक्ति को रोजगार के मांग करने पर 100 कार्य दिवस की रोजगार उपलब्ध कराया जाता है परिवार के समस्त सदस्य को मिलाकर 100 दिन का एवं राज्य सरकार द्वारा अतिरक्त 50 दिवस का मजदूरी हेतु रोजगार उपलब्ध कराया जाता है।
  • योजना  अंतर्गत किसी व्यक्ति द्वारा रोजगार के लिए मांग करने पर 15 दिवस के भीतर रोजगार उपलब्ध कराया जाता है। 15 दिवस के भीतर रोजगार नहीं होने पर उन्हें अतिरिक्त भत्ता दिया जाता है।
  • केंद्र सरकार के द्वारा राज्य के लिए अधिसूचित मजदूरी दर देय होगा ।
  • रोजगार की मांग करने के लिए आवेदन  पंचायत में या ग्राम सभा में करना होगा।
  • ग्राम पंचायत द्वारा  ग्रामीण परिवारों का पंजीयन कराया जाता है।
  • योजना के अंतर्गत मिलने वाले कार्य की आबंटन में 50 प्रतिशत राशि का कार्य ग्राम पंचायत द्वारा किया जायेगा।
  • Mahatma Gandhi Rojgar guaranty yojana के तहत कार्य करने वाले मजदूरों का भुक्तान पोस्ट ऑफिस एवं उसके बैंक खाते में fto के माध्यम से किया जायेगा।

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