सरपंच चुनाव
प्रिय मित्रों आप सभी जानते हैं की प्रत्येक गाँव में एक पंचायत होता है लेकिन गाँव के जनसँख्या के आधार पर आश्रित ग्राम भी जोड़े जाते हैं, मित्रों हम सभी जानते हैं की सरपंच बनने के कितने फायदे हैं और हम और आप सभी चाहते हैं कि हमें भी सरपंच बनने का मौका मिले। लेकिन मित्रों किसी ग्राम का सरपंच बनना इतना भी आसन नहीं होता, आपने इंटरनेट, youtube आदि पर भी सरपंच बनने तरीके के बारे में सुना होगा लेकिन मित्रों मैं भी एक सरपंच हूँ और आज के इस लेख में मैं आपको बताऊंगा कि सरपंच चुनाव कैसे जीते जाते हैं, सरपंच चुनाव जितने के तरीके क्या है और सरपंच कैसे बने जाते हैं। तो मित्रों सरपंच चुनाव जितने से पहले निचे दिए गए जानकारी को अवश्य पढ़े उसके बाद आपको हम सरपंच बनने के लिए ऐसा तरीका बताने वाले हैं जिसको अपनाने से आपको कोई भी प्रतिद्वंदी नहीं हरा पाएगा।
ग्राम पंचायत
ग्राम पंचायत का उल्लेख सबसे पहले Indian Constitution के Article 40 में किया गया था जिसमे केवल उलेख ही था लेकिन सन 1992 के 73 वें संसोधन में यह तय कर लिया गया कि हर राज्य के प्रत्येक गाँव में एक ग्राम पंचायत का होना अनिवार्य है। ग्राम पंचायत एक या एक से अधिक गाँव के समूह से मिल कर बना होता है यदि किसी गाँव की जन संख्या व वार्डों के हिसाब से कम होता है तो वह किसी पंचायत का आश्रित ग्राम हो जाता है। ग्राम पंचायत के सदस्यों में वार्डो के द्वारा नियुक्त पंच और उनके मुख्या सरपंच का चुनाव किया जाता है जिसे सरपंच कहते हैं, प्रत्येक ग्राम पंचायत में कार्यों के हिसाब किताब के लिए राज्य सरकार द्वारा सचिवों की नियुक्ति करती है, सचिव के कार्य ग्राम सभा में होने वाले स्वीकृति के प्रस्ताव बनाना, सभी पंचों के बैठक हेतु सूचनाये घुमाना,कार्यों का आय व्यय का संधारण आदि कार्य होते है।
ग्राम पंचायत का क्या कार्य होता है ? और अधिकार क्या है ?
सरपंच के कार्य
आप सभी जानते हैं कि सरपंच का निर्वाचन गाँव के जनता द्वारा ही किया जाता है, जो भी सरपंच गाँव के द्वारा चुना जाता है तो वह गाँव के सदस्यों के हित में ही कार्य करेगा लेकिन हम आपको विस्तार से बताएँगे कि सरपंच के क्या कार्य होते हैं ?
- गाँव में कच्चे सड़कों का निर्माण करना एवं क्षतिग्रस्त होने पर मरम्मत कार्य करना।
- गाँव में पशु के लिए पिने योग्य पानी की व्यवस्था करना। जो अब ग्राम गौथानों के माध्यम से किया जा रहा है।
- सरकार द्वारा बनाये गए जन हितैषी योजनाओं की जानकारी देना एवं उनका लाभ दिलाना।
- नल, टंकी या अन्य साधनों से गाँव में प्रत्येक घर या प्रत्येक नागरिकों के लिए पिने योग्य पानी पानी की व्यवस्था करना।
- पशुपालन के लिए गाय कोठों का निर्माण करना।
- गरीबी रेखा के अंतर्गत आने वाले या गरीब परिवारों को आवास योजना के तहत रहने के लिए आवास उपलब्ध कराना।
- 60 वर्ष या उससे अधिक आयु वर्ग के बुजर्गों के लिए आजीविका हेतु पेंशन उपलब्ध कराना।
- गर्भवती महिला और शिशु के स्वास्थ्य की देखभाल के लिए उप स्वास्थ्य केंद्र की स्थापना करना।
- मुर्गी पालन, मत्स्य पालन, बकरी पालन, आदि को बढ़ावा देना एवं आश्रय का व्यवस्था करना।
- बच्चो के शिक्षा के लिए स्कूलों एवं विद्यालयों का निर्माण करना।
- कृषि कार्यों में सिंचाई हेतु संसाधनों की व्यवस्था उपलब्ध कराना।
- गाँव के बेरोजगार परिवारों को रोजगार गारंटी योजना के तहत रोजगार के अवसर प्रदान करना।
- तालाब के गहरी के लिए मनरेगा के अंतर्गत कार्य करना।
- गाँव के नालों की साफ़ सफाई करना। एवं गाँव में फैली हुइ गन्दगी को दूर करने हेतु दवाई का छिडकाव करना।
- बरसात के पानी की निकासी की व्यवस्था करना।
- गर्भवती महिला के स्वास्थ्य जाँच सही समय पर हों इसलिए आशा कार्यकर्ता या मितानिन की व्यवस्था करना।
- गाँव के समस्त गलियों, मंदिरों, चौक चौराहों में रौशनी हेतु लाईट की व्यवस्था करना।
- गाँव में खेती करने के लिए ग्राम सेवक द्वारा खेतों की मृदा की जाँच करना एवं प्रशिक्षित करना।
- कृषि कार्यों के लिए किसानों को औजार या साधन उपलब्ध कराना।
- कृषि कार्य व सिंचाई के लिए नहरों की व्यवस्था करना।
- युवाओं के शारीरिक विकाश और मानसिक विकाश को बनाये रखने एवं खेल को बढ़ावा देने के लिए खेल मैदान बनाना।
- ग्राम पंचायत में महिला एवं पुरुषों के लिए सार्वजानिक शौचालय की व्यवस्था करना। एवं खुले में शौच को रोकना।
- गाँव के सार्वजनिक स्थानों पर सड़कों के किनारे वृक्षा रोपण करना।
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